राज, मैडम और मजाक...
राज की कहानी, जिसे उसके मजाक पर मैडम ने बेहद कठोर सजा देकर जिंदगी का एक बड़ा सबक सिखाया।
नलिन की क्लास में एक लड़का था राज, जिसकी जुबान बहुत कड़वी थी। एक बार क्लास में एक नई लड़की आई। क्लास को उस लडकी से वाकिफ कराने और उस लड़की को थोड़ा बेहतर महसूस कराने के लिए मैडम ने कहा, क्लास के सारे बच्चे उस लड़की को देखकर क्या सोचते हैं, यह बताएंगे। बाद में वह लड़की क्लास के सभी बच्चों के बारे में बताएगी। नलिन और उसके दोस्तों ने लड़की की काफी तारीफ की। पर जब राज की बारी आई, तो उसने हंसते हुए कहा, अरे मैडम, इसका चेहरा तो बहुत खराब है।
लड़की और मैडम को राज का यह मजाक पसंद नहीं आया। मैडम ने राज को कागज का एक टुकड़ा पकड़ाते कहा, इस पर हजार बार सॉरी लिखो। राज उस छोटे से टुकड़े पर बहुत मुश्किल से हजार बार सॉरी लिखा। फिर टीचर बोली तुम्हें घर जाने के बाद इस कागज पर लिखे एक-एक सॉरी फाड़ना है। यह सजा थी, कठिन थी, पर राज ने हंसी-खुशी पूरी कर ली। अगले दिन जब सारे बच्चे क्लास पहुंचे तो टीचर राज से बाली, आज तुम्हारी सजा खत्म हो जाएगी। एक काम करो जो कागज के टुकड़े तुमने कल फाड़े थे, उसे इकटठा कर क्लास में लेकर आओ और उस लडकी को दे दो, जिसके लिये तमने लिखा था। राज भौंचक्का होकर मैडम की तरफ देखने लगा। राज बोला, टीचर कागज के वे टुकड़े तो कब के उड़ चुके होंगे। पर टीचर ने राज को जबर्दस्ती कागज के उन टुकड़ों को लाने भेज दिया। अंततः जब शाम हो गई, तो.राज वापस स्कूल लौटा और टीचर से बोला, कृपया मुझे माफ कर दीजिए। टीचर बोलीं, तुम्हें समझना चाहिए जिस तरह तुम्हारे मुंह से निकले शब्द वापस नहीं आ सकते, वैसे ही कागज के वे टुकड़े भी वापस बटोरे नहीं जा सकते, जिन्हें तुमने हवा में उड़ा दिए ।
Moral of the story - कमान से निकले हुए तीर और बोले गए शब्दों को वापस नहीं लाया जा सकता ।
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