दूरदर्शी होने का लाभ...

ऐसे राजा की कथा, जिसने भोग विलास में समय बिताने के बजाय भविष्य की चिंता की.

एक राज्य में अनोखी प्रथा प्रचलित थी वहा एक राजा शिर्फ़ एक साल राज कर सकता था राज खत्म होने के बाद उसे कोसो दूर दुनिया के दूसरें हिस्से में बसे एक छोटे से समुद्री टापू पर भेज दिया जाता था. जहां उसे अपनी बाकी जिन्दगी बितानी होती थी. इससे राज्य में खुशहाली बनी रहती थी. हर किसी को नये राजा का इंतजार रहता था. राजा नया होता था तो उसकी सोंच भी नई होती थी. और राज्य के लोगों को नई नई बातें सिखने को मिलती थी. लेकिन जो राजा जाने वाला होता था. उसके लिए वह काले पानी कि सज़ा जैसी होती थी. इस साल भी राजा के जाने का वक़्त आया. तो उन्हें उस टापू पर पंहुचा दिया गया.

दूरदर्शी होने का लाभ...

वहां से लोटते वक़्त मंत्रियों को एक लड़का मिला. जिसका जहाज डूब गया था. वह कई दिनों तक समुद्र में जीवन और म्रत्यु के बीच तैरता रहा. मंत्रियों ने तय किया. कि इस बार का राजा उसे ही बनाया जाए. लड़के ने पहले मना किया. पर बाद में वह मान गया. राज्य में पहुँचने के बाद उसे वहां कि प्रथा के बारे में पता चला. इतने दिन समुद्र में अकेले रहने के बाद उस टापू पर जाना उसे भयावह ख्याल था. उसने राज्य के गुप्त चारों को बुलाया और उनसे वहां टापू देखने कि इच्छा जताई. गुप्तचर उसे उस टापू पर लेकर गये. वहां से कई भयानक जानवरों कि आवाज़े आ रही थी. राजा ने अपने सैनिको को पुराने राजाओ का पता लगाने के लिए भेजा. जब सैनिक वापस आए तो उन्होंने बताया. कि जंगली जानवरों ने सभी राजाओ को खा लिया है. राजा जब वापस अपने राज्य पहुंचा. तो उसने सौ बलशाली लोगों की एक सेना बनवाई. और उन्हें उस टापू पर भेज दिया. पहले उसने. उस टापू के सभी हिंशक जानवरों को ख़त्म करवा दिया. फिर उसने उस टापू को साफ़ करवा दिया.राजा ने एक पैसा भी उसने अपने उपर खर्च नही किया बल्कि उसने टापू को स्वर्ग सा सुंदर बनवा दिया. वह अब तक का सबसे अच्छा शासक साबित हुआ. जब उसका समय पूरा हुआ. तो सारे मंत्रियों की आँखों में आंशु थे. पर राजा खुश था. सारे राजा जाते वक्त रोते है पर आप इतने खुश कैसे है. राजा बोला- मुझसे पहले के सारे राजाओं ने सत्ता और सम्रद्धि के लोभ में अपना समय नष्ट कर दिया. लेकिन मैंने अपना समय भविष्य को समर्पित. कर दिया. मै कभी सत्ता के नशे में नहीं रहा. मुझे हमेशा यह एहसास था कि एक दिन मुझे यह सब छोड़ कर जाना होगा.

Moral Of The Story – ऐसे कर्म करो जिसका हिसाब देने में ख़ुशी हो.


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