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Showing posts from June, 2020

इन बॉलीवुड हसीनाओं ने अपने बिंदी लुक से सोशल मीडिया पर मचाई थीं धमाल...

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Naagin 4 की फेम निया शर्मा जान हथेली पे लेकर पहुंची सेट पर...

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हिना खान का हुआ बुरा हाल, रातों को सो नहीं पाई थीं! पढ़ें क्यूँ?

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काजल राघवानी का यह बोल्ड वीडियो दर्शकों के बीच धूम मचा रहा...

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पवन सिंह और निधि झा ने गाने में किया जमकर रोमांस। देखें वीडियो...

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लाल ड्रेस में बला की खूबसूरत लग रही हैं मोनालिसा...

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भोजपुरी ‘घड़ी में बजल बाटे अब साढ़े तीन’ मचा रहा हैं गदर...

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निरहुआ और आम्रपाली दुबे ने मचाया धमाल...

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मर्दों में बढ़ती शीघ्रपतन की समस्या के क्या हैं कारण जाने...

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दुल्हन बनी रश्मि देसाई, सोशल मीडिया पर मचा बवाल...

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अनन्या पांडे ने अपनी बेस्ट फ्रेंड के साथ शेयर किया हॉट फोटोशूट

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राज, मैडम और मजाक...

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भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह का नया सॉन्ग कोरा में आजा छोरा सोशल मीडिया पर छाया

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खेसारी और काजल राघवानी का बेहद बोल्ड सीन यहाँ देखे वीडियो...

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ऋचा चड्ढा ने इंस्टाग्राम पर शेयर की सेक्सी फोटो, बिकनी में ढा रहीं कहर

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अक्षरा सिंह भोजपुरी गाना ‘खोला ए राजा जी ब्लाउज’ पर हॉट डांस मूव्स

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रिया, निक्की और हादसा...

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निशित, दादा जी और नौकरी...

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भोजपुरी क्वीन नाम से फ़ेमस एक्ट्रेस मोनालिसा की ये तस्वीरें देख बन बैठोगे उनके दिवाने...

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नोरा फतेही मुंबई में हुई स्पॉट : Photos

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आकांक्षा दुबे और रितेश पांडे ने ‘काशी हिले पटना हिले’ पर मचाया धमाल, देखें Video

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Hina Khan की पोस्ट वर्कआउट फोटो देख ख़ुश हो जाएंगे आप...

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सुशांत सिंह राजपूत को याद करते हुए सनी लियोन ने शेयर की इमोशनल पोस्ट...

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XXX Web Series: एकता कपूर ने सेना से मांगी माफी...

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आम्रपाली दुबे ने अपनी Tiktok वीडियो से मचाया धमाल, देखें वीडियो.

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आम्रपाली दुबे का डांस और निरहुआ की कॉमेडी, देखें Video

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इस बिग बॉस एक्स कंटेस्टेंट की इंस्टाग्राम ने डिलीट की न्यूड फोटो.

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रानी चटर्जी ने लिया सोशल मीडिया छोड़ने का फैसला, जानें क्यों?

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दो सहेलियां और पानी का प्रयोग...

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शुभाश्री, पोस्टर और वह आईना...

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इजरायल दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक...

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इजरायल दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है , लेकिन इसे सबसे शक्तिशाली देशों में गिना जाता है।  यह एक ऐसा देश है जो चारों तरफ से दुश्मन देशों से घिरा हुआ है  और ऐसे दुश्मन हैं जो मौका मिलते ही इजरायल को खत्म करना चाहते हैं।  इन कठिनाइयों के बावजूद , यह देश जो 1948 में दुनिया के नक्शे पर आया था  अपने दुश्मनों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं।  इज़राइल के लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे स्वाभिमानी और देशभक्त हैं  और उनकी देशभक्ति के कारण , इजरायल आज अरब देशों की आंखों में आंखें डालकर जवाब देता है।  इजरायल की स्थापना 14 मई 1948 को हुई थी।  एक लंबे संघर्ष के बाद , यहूदियों ने फिलिस्तीन के कब्जे से आजादी हासिल की  और एक नए स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना हुई , जिसका नाम इज़राइल रखा गया।  इज़राइल शब्द का उपयोग बाइबिल के पहले और बाद में हुआ है।  बाइबल के अनुसार , देवदूत के साथ युद्ध लड़ने के बाद जैकब का नाम इज़राइल रखा गया।  उस समय से इस शब्द का इस्तेमाल यहूदी भूमि के लिए किया जाता रहा है। इज़राइल आधिकारिक रूप से दुनिया का एकमात्र यहूदी देश है  और इस देश की सबसे महत्वपूर्ण नीति है  अगर द

मोनालिसा, 6 साल तक शादी से पहले तलाकशुदा आदमी के साथ लिव इन में थी सच क्या है? जानें

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भूल का अहसास...

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डॉ. शर्मा के पास सवेरे कई अध्यापक आकर अपनी अपनी तरह से घटना का बयान कर सकते थे। कल जो कुछ स्कूल में हुआ था वह इससे पहले कभी नहीं हुआ था। स्कूल ने अपने छात्रों से कह रखा था कि वे रविवार के दिन आकर स्कूल के मैदान में खूब खेल सकते हैं। बहुत से बच्चे आकर खेलते भी थे। मगर कल जो छात्र खेलने आए उन्होंने स्कूल की साइंस लैब का ताला तोड़ा। कम्प्यूटर के मॉनीटर को तोड़ दिया। माउस को जमीन पर दे मारा । एक मेज जिस पर नए बीकर और टैस्टट्यूब रखे थे, को उलट दिया। हां, बच्चों ने तोड़-फोड़ तो जरूर की थी मगर लैब से कुछ चुराया नहीं था। डॉ. शर्मा को यह भी पता चल गया था कि इस तोड़-फोड़ में कौन से बच्चे शामिल थे। डॉ. शर्मा समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें। उनके कई साथी अध्यापक तो इतने गुस्से में थे कि चाहते थे उन बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाए। परन्तु डॉ. शर्मा नहीं चाहते थे कि ऐसा हो। अगले दिन उन्होंने उन बच्चों को अपने पास बुलाया। जब वे बच्चे डॉ. शर्मा के सामने आए तो उनके चेहरे झुके हुए थे। डॉ. शर्मा ने जब बार-बार पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो वे यही बता सके कि पता नहीं खेलते-खेलते उन्हें क्या सूझा कि

जब रहें एक ही शरीर में स्त्री-पुरुष दोनों...

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शरीर विज्ञान में द्विलिंगी काया को हर्माफ्रोडाइट कहा जाता है। हफ्रिोडाइट का उद्गम एक पुरातन ग्रीक नायक हर्माफ्रोडाइटस से हुआ जो अति सुन्दर दम्पती हर्मस एवं एफ्रोदिते का पुत्र था। हर्मस यूनानियों का देवता है तथा एफ्रोदिते प्रेम की देवी का नाम है। कथानुसार एफ्रोदिते एवं हर्मस का पुत्र हर्माफ्रोडाइटस एक सुन्दर एवं बांका नौजवान था। वह अक्सर नहाने के लिए नदी में जाया करता था। उसकी सुंदरता और बांकेपन पर नदी की एक जलपरी सेल्पासिस मोहित हो गई। वह हर्माफ्रोडाइटस को अपने मोहजाल में फंसाने का यत्न करने लगी। हर्माफ्रोडाइटस किसी भी प्रकार से उस जलपरी की ओर मोहित न हुआ। उसने सेल्पासिस के प्रणय निवेदन को बड़ी निर्ममता से ठुकरा दिया। मर्माहत सेल्पासिस ने हर्माफ्रोडाइटस को पाने के लिए प्रेम की देवी वीनस की आराधना शुरू कर दी। अन्ततः उसने हर्माफ्रोडाइटस का शरीर अपने शरीर से जोड़ देने का वर प्राप्त कर लिया। अगले दिन जब हर्माफ्रोडाइटस नहाने के लिए नदी के जल में उतरा तो वापस न लौट सका। अनजानी चुम्बकीय शक्ति उसे सेल्पासिस के निकट ले गई और देखते ही देखते दोनों के शरीर एकाकार हो गए। किंतु, द्विलिंगी बॉबी कार्क

प्रोफेसर सिमरन और कोयना...

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प्रोफेसर सिमरन की कहानी , जिसने कोयना की हार को जीत में बदल दिया। कोयना के कॉलेज में एक बड़े से मेले का आयोजन हो रहा था। सारे बच्चे अपनीअपनी दुकान सजा रहे थे। कोई खेल के सामान का स्टॉल लगा रहा था , तो कोई खाने-पीने का। कोयना ने गोलगप्पे का स्टॉल लगाया था। उसके स्टॉल पर ढेर सारे लोग आ रहे थे। गोलगप्पे तो वैसे भी सबको पसंद थे। उसी के स्टॉल पर सबसे अधिक भीड थी। तभी एक लड़का अपनी छोटी बहन के साथ कोयना के स्टॉल पर गोलगप्पे खाने आया। उसकी बहन उससे पहले काफी कुछ खा चुकी थी , इसलिए वह गोलगप्पे नहीं खाना चाहती थी , पर वह लड़का जबर्दस्ती अपनी बहन को गोलगप्पे खिलाता जा रहा था। उस लड़की को उबकाइयां आ रही थीं। कोयना ने बोलना भी चाहा , पर उस लड़के ने किसी की न सुनी।  उसकी बहन ने जैसे ही एक और गोलगप्पा खाने के लिए मुंह खोला , उसे जोर की खांसी आई और फिर उल्टी हो गई। वहां खड़े सारे लोग पीछे हट गए। देखते ही देखते पूरे कॉलेज में यह बात फैल गई कि कोयना के स्टॉल के गोलगप्पे खाकर किसी ने उल्टी कर दी। कोयना के लिए तो जैसे वह उस दिन की बिक्री का अंत था। अब कोई भी उसके स्टॉल पर नहीं आना चाह रहा था। कोयना ने

बिल्ली, झगड़ा और कहानी...

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तीन बिल्लियों की कहानी , जो खुद को श्रेष्ठ साबित करना चाहती थी। तीन बिल्लियां आसपास के घरों में रहती थीं। उनमें गहरी मित्रता थी। उनमें एक बिल्ली का रंग सफेद था। दूसरी काले रंग की थी और तीसरी बिल्ली का रंग भूरा था। एक दिन काली बिल्ली ने कहा , मेरा रंग तो सबसे बढ़िया है , क्योंकि खुद को छिपाकर मैं शिकार को आसानी से झपट सकती हूं। उसने कहा , सफेद रंग तो सबसे खराब है , इससे तो हल्की रोशनी में शिकार पकड़ना कठिन है। सफेद बिल्ली ने नाराजगी से जवाब देते हुए कहा , सफेद सबसे बेहतर रंग है , क्योंकि यह शुद्धता का प्रतीक है। जब यह बहस असहनीय होने लगी , तो भूरी बिल्ली ने दखल देते हुए कहा ,  मैं एक कहानी सुनाती हूं। सुनकर फैसला करना कि कौन-सा रंग सबसे अच्छा है। भूरी बिल्ली ने कहानी सुनानी शुरू की : बिल्लियों को बनाने से पहले ईश्वर ने पहले मिट्टी के तीन मॉडल बनाए। भगवान ने मिट्टी की उन बिल्लियों की मजबूती के लिए उन्हें आग में पकने के लिए डाल दिया। पहले मॉडल को भंट्ठी में पकाने से पहले भगवान को अंदाजा नहीं था कि उसे पकने में कितना वक्त लगेगा। देर तक आग में पड़े रहने के कारण वह मॉडल झुलस गया। इस तरह का

प्रोफेसर, छात्र और डायरी...

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प्रोफेसर शिरीन की कहानी , जिसने अपनी मृत बहन की डायरी का पाठ कर छात्रों को जीवन के लिए प्रेरित किया। उस दिन प्रोफेसर शिरीन कुछ अलग-सी दिख रही थीं। जब वह क्लास में आई , तो सन्नाटा छा गया। जो छात्र कभी चुप नहीं बैठते थे , वे भी प्रोफेसर को देख खामोश हो गए। प्रोफेसर बोलीं , आज मैं आपको कुछ पढ़कर सुनाऊंगी। उन्होंने पढ़ना शुरू किया ,  मैं बोलती कम , सुनती ज्यादा हूं , मैं अपने दोस्तों के बुलाने पर उनको कभी नहीं नकारती , अपने घर पर हफ्ते में कम से कम तीन दिन दोस्तों को पार्टी पर बुलाती हूं , मैं  कागज के उन टुकड़ों पर कम ध्यान देती हूं , जो मेरे कमरे में बिस्तर के नीचे तुमने फेंक दिए थे , और तुम पर गुस्साने के बजाय तुमसे खूब सारी बातें करती हूं। मै दादाजी के साथ रोज शाम को सैर पर जाती  और उनके अनुभवों से ढेर सारा सीखती हूं। मैं पापा के साथ स्कूटर पर बैठती हूं और यह नहीं सोचती कि मेरे बाल उड़ते हैं , या खराब होते हैं। मैं बस उस हवा को अपने बालों से तैरते हुए निकलते देखती और उस अनोखी गुदगुदी का आनंद लेती हूं। मैं कभी घास में बैठती हूं , कभी जमीन पर लोटती हूं। मैं रोज की तरह बिना नींद के ठीक

प्रतिभा, मां और अर्चना आंटी...

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प्रतिभा की कहानी , जिसे अर्चना आंटी के कुछ शब्दों ने मां की ममता का  एहसास करा दिया। अर्चना आंटी लखनऊ स्टेशन पर चाय की गुमटी चलाती थी। एक दिन एक छोटी-सी लड़की प्रतिभा उनकी गुमटी पर आकर बैठ गई। वह परेशान लग रही थी। उस समय  आंटी समोसे बना रही थीं। उन्होंने प्रतिभा से पूछा , क्या तुम समोसा खाओगी ? प्रतिभा बोली , हां , पर मेरे पास पैसे नहीं हैं। आंटी ने प्रतिभा को समोसा देते हुए कहा , तुमसे पैसे न भी लिए , तो कोई बात नहीं। प्रतिभा आंटी को हैरानी से देखते हुए बोली , एक  आप हैं , जो मुझे जानती भी नहीं , फिर भी इतने प्यार से समोसा खिलाने को तैयार हैं। दूसरी तरफ मेरी मां हैं , जो मुझे जरा भी प्यार नहीं करतीं।  आंटी बोलीं , क्या तुम घर से भागकर आई हो ? प्रतिभा आंखें चुराते हुए थोड़ी हिचकिचाते हुए बोली , नहीं तो। आंटी बोलीं , क्या तुम सचमुच मानती हो कि तुम्हारी मां तुम्हें प्यार नहीं करतीं ? प्रतिभा बोली , कोई आप के ऊपर चिल्लाए और घर से निकल जाने को कहे , तो वह यही दर्शाता है न कि वह प्यार नहीं करती ? आंटी बोलीं , मैंने तुम्हें सिर्फ एक समोसा खाने को दे दिया , और तुमने मुझे इतनी इज्जत दी। तुम्

मनु, दिनेश और वह सज्जन...

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मनु की कहानी , जिसने अपने बेटे दिनेश को समझाया कि अनजानी परिस्थितियों  से हमें घबराना नहीं चाहिए। मनु अपने परिवार के साथ एक बड़े रेस्टोरेंट में गया। उस रेस्टोरेंट की खास बात यह थी कि वहां खाना खाने के लिए एक सुंदर से स्विमिंग पूल के किनारे व्यवस्था की जाती थी। खुले आसमान के नीचे , नीले-नीले ठंडे पानी की लहरों के बगल में बैठकर सुंदर कैंडल लाइट डिनर देखकर मनु और उसके परिवार का दिल खुश हो गया था। तभी वहां से गुजर रहे एक सज्जन का पैर फिसला और वह पूल में छपाक से  गिर पड़े।  वह जोर-जोर से चिल्लाने लगे  और अपने हाथ-पैर बेतहाशा चलाने लगे। ऐसा लग रहा था , मानो वह बस डूबने ही वाले हैं। वहां खड़े वेटर उन्हें इशारा करने लगे कि वह परेशान न हों , पर घबराहट में उन्हें कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। कुछ ही सेकंडों में एक वेटर पानी में कूदा  और उन्हें मजबूती से पकड़ लिया। उस वेटर को देखकर वह जैसे ही शांत हुए और पैर चलाना बंद किया , तो उन्हें आभास हुआ कि उनके पैर पूल की जमीन को छू रहे हैं। वह वेटर का हाथ पकड़ कर खड़े हुए , तो पता चला कि पूल की गहराई तो उनकी कमर से भी कम की थी। मनु ने यह “ सब देखने के

मुकेश प्रजापति, पिता और घास...

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मुकेश प्रजापति की कहानी , जो पिता की सीख की वजह से बड़ा होकर व्यवसाय की बुलंदियों पर पहुंचे। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कुछ भारतीय दिग्गजों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। चर्चित व्यवसायी मुकेश प्रजापति को भी सम्मानित करने के लिए बुलाया गया। मुकेश मंच पर पहुंचे , तो उनकी आंखों में आंसू थे। बिना लाग-लपेट के उन्होंने कहना शुरू किया , जब मैं छोटा था , तो मेरे पिता ऑटो चलाया करते थे। उन्होंने मुझे कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ कुछ काम भी करो।  मैं तब छह  साल का था , पर पिता जी रोज आधे घंटे मुझसे घास कटाई का काम लेते थे। हाथ से चलाने वाली एक मशीन से मैं घास काटा करता था। अंधेरे में मैं अक्सर कई कोने यह सोचकर छोड़ देता था कि कौन देखेगा। पर पिता जी की नजर बहुत पैनी थी। वह पकड़ लेते थे। कई बार तो पिता जी पर इतना गुस्सा आता था कि मन होता था , कहीं भाग जाऊं। गुस्से के लिए कई बार पिता जी से डांट भी पड़ी , उनके थप्पड़ भी खाए। पिता जी ने हमेशा यही सिखाया कि जरा भी काम नहीं छूटना चाहिए। काम बड़ा हो या छोटा , फर्क नहीं पड़ता , लेकिन आप उसे कैसे निभा रहे हैं , उससे जरूर फर्क पड़ता है।

मदद कभी बेकार नहीं जाती...

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यह कहानी ऐसे व्यक्ति कि है जिसने जान पर खेल कर दूसरों की मदद की.... मोहन बहुत दयालु व्यक्ति था. वह हर परिस्थिति में लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहता था. एक बार मोहन सड़क पर यूं ही घूम रहा था कि अचानक उसे एक पर्स गिरा दिखाई पड़ा. उसने पर्स उठाया और देखा कि वह खाली है. उसी क्षण एक महिला पुलिसवाले के साथ वहां पहुंची पुलिसवाले ने मोहन के हांथ से पर्स लेकर उसे हिरासत में ले लिया. महिला लगातार मोहन से पूछ रही थी कि तुमने पर्स से पैसे निकाल कर कहां छिपा दिए, लेकिन मोहन हर बार विनर्मता से ज़वाब देता रहा कि मुझे यह पर्स बिल्कुल खाली मिला है. महिला मोहन पर चिल्लाते हुए बोली, कृपया मेरा पैसा मुझे वापस कर दो, वह मेरे बेटे की स्कूल फ़ीस है. महिला के इस तरह बोलने पर मोहन ने महसूस किया कि वह महिला वास्तव में बहुत दुखी है.  यह देखकर बिना देर किए मोहन ने अपना सारा पैसा उस महिला को देते हुए कहा- आप यह रखिये और आपको जो असुविधा हुई उसके लिए मुझे क्षमा करें. पर्स और पैसा लेकर महिला वहां से चली गई. पुलिसवाला कुछ सवाल पूछने के लिए मोहन को साथ ले गया. पैसा पाकर महिला बहुत खुश हुई लेकिन जब उसने पैसे गिने तो उ

सेब बेचकर सेब के बागानों का मालिक...

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यह एक ठुकराए गए नौजवान की कामयाबी की कहानी है. मैनेजर ने किशोर से पूछा- क्या तुम कंप्यूटर चलाना जानते हो ? किशोर बोला- सर, में जनता तो नहीं लेकिन सीख लूँगा. मैनेजेर ने फिर पूछा- क्या तुम्हारा ई-मेल आईडी है? किशोर ने बोला- जी नहीं, सर. लेकिन कंप्यूटर सीख कर ई-मेल आईडी भी बना लूँगा. मैनेजर बोला- हमारे पास इतना समय नहीं कि तुम्हारे सीखने का इन्तजार कर सकें. तुम कहीं और नौकरी ढूँढो. किशोर बहुत मायुस होकर वहां से निकल गया. वह बारहवीं पास कर चूका था. हालाँकि पढाई में वह अच्छा था. लेकिन पिता जी के गुजरने के बाद उसकी पढाई तो रुक ही गयी. घर की जिम्मेदारी भी उसी पर आ गई. कुछ भी करके उसे रात के खाने के लिए पैसे जुटाने थे. एक ऑफिस बॉय की नौकरी का उसे पता चला था. लेकिन मैनेजर ने इसलिए नहीं रखा, क्योंकि उसे कंप्यूटर नहीं आता था.  वहां से निकल कर वह सेब के एक बागीचे में जाकर बैठ गया. उसे कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा था. तभी उसकी नज़र सेबों पर पड़ी. उसने उस बगीचे से कुछ सेब तोड़े और उन्हें लेकर घर-घर जा कर बेचने लगा. सेब ताजे थे, इसीलिए तुरंत बिक भी गए. सेब बेचने से उसे लगभग सौ रूपये मिले वह उन पैसों स

दूरदर्शी होने का लाभ...

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ऐसे राजा की कथा, जिसने भोग विलास में समय बिताने के बजाय भविष्य की चिंता की. एक राज्य में अनोखी प्रथा प्रचलित थी वहा एक राजा शिर्फ़ एक साल राज कर सकता था राज खत्म होने के बाद उसे कोसो दूर दुनिया के दूसरें हिस्से में बसे एक छोटे से समुद्री टापू पर भेज दिया जाता था. जहां उसे अपनी बाकी जिन्दगी बितानी होती थी. इससे राज्य में खुशहाली बनी रहती थी. हर किसी को नये राजा का इंतजार रहता था. राजा नया होता था तो उसकी सोंच भी नई होती थी. और राज्य के लोगों को नई नई बातें सिखने को मिलती थी. लेकिन जो राजा जाने वाला होता था. उसके लिए वह काले पानी कि सज़ा जैसी होती थी. इस साल भी राजा के जाने का वक़्त आया. तो उन्हें उस टापू पर पंहुचा दिया गया. वहां से लोटते वक़्त मंत्रियों को एक लड़का मिला. जिसका जहाज डूब गया था. वह कई दिनों तक समुद्र में जीवन और म्रत्यु के बीच तैरता रहा. मंत्रियों ने तय किया. कि इस बार का राजा उसे ही बनाया जाए. लड़के ने पहले मना किया. पर बाद में वह मान गया. राज्य में पहुँचने के बाद उसे वहां कि प्रथा के बारे में पता चला. इतने दिन समुद्र में अकेले रहने के बाद उस टापू पर जाना उसे भयावह ख्याल था.

भिखारी के ख़्वाब और उसके कर्म…

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एक स्वप्न जीवी भिखारी की कथा, जो सोने की अपनी आदत से मजबूर था. एक भिखारी था. वह बहुत अमीर बनना चाहता था लेकिन काम में उसका मन नही लगता था. सोना उसकी कमज़ोरी थी. वह दिन रात सोता रहता था और सोते वक़्त सपने में अमीर बनने के ख़्वाब देखा करता था. एक दिन उसे किसी ने भीख में एक लीटर दूध दे दिया. वह भागते हुए घर लौटा और दूध को एक भगोने में डालकर उबालने लगा. जब तक दूध उबलता, उसने सोचा थोड़ी कमर सीधी कर ली जाए.  वह लेटा ही था कि उसे नींद आने लगी. उसने सोचा दूध अभी तो उबला भी नहीं, तो क्यों ना थोड़ा आराम ही कर लिया जाए. कुछ ही मिनटों में वह सपना देखने लगा. उसने देखा कि दूध उबल गया और उसने उसमे थोड़ा सा दही डालकर दही जमा दिया. जब वह अगले दिन उठा तो दूध दही बन चूका था. उसने दही को मथा और मक्खन निकाल लिया और फिर मक्खन से घी. फिर उसने देखा कि वह घी बेचने बाज़ार गया. तो उसके घी की पूरे  बाज़ार में बहुत तारीफ हुई. उसका घी बहुत अच्छे दामों में बिका. उसने घी के पैसों से एक मुर्गी खरीदी. उस मुर्गी ने अंडे दिए. उन अंडो से चूज़े निकले और उसके पूरे घर मे भर गये. वे चूज़े बड़े होने लगे और मुर्गी बन गये. फिर उन मुर्गिय

अनजान लड़की की नसीहत...

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ऐसे बेटे की कहानी जिसे दोस्त ने पिता के प्यार के बारे में बताया. एक बार समुद्री जहाज भीसण तूफान का शिकार हो गया.जहाज में सवार बाकि सारे सेलानी डूब गये लेकिन एक पिता और उनका बेटा किसी तरह तैरते तैरते एक छोटे से टापू के तट पर पहुंच गये. वह निर्जन टापू पेड़ों से भरा हुआ था. उसके चारों तरफ दूर दूर टक सिर्फ पानी ही दिखाई देता था. उन्होंने तय किया कि दोनों टापू के अलग अलग छोर पर जाकर रहेंगे जिससे कि अगर उस तरफ से कोई जहाज गुजरे तो वे उसे संकेत कर सकें और घर वापस लौट सकें. बेटे के भाग के टापू में कई तरह के फल वाले पेड़ लगे थे. लेकिन पिता के भाग वाले टापू में केवल बड़े बड़े झाड ही थे. पिता और बेटे दोनों को भूख लगी दोनों ने प्रार्थना शुरू की कि उन्हें खाने को कुछ फल मिल जाएं.  अगले दिन बेटे कि तरफ वाले टापू पर कुछ फल दिखाई पड़े. बेटे ने पेट भर के फल खाएं. पिता ने कहा- यह तुम्हरी प्रार्थना और किस्मत का नतीजा है. मेरी किस्मत में शायद फल नहीं. अगले दिन बेटे को टापू पर बहुत अकेला महसूस होने लगा. उसने प्रार्थना कि की उसे बात करने को कोई हमसफ़र मिल जाए. अगले दिन जब वह सो कर उठा तो उसे दूर कही से किसी ल

एंडी बिटिया और उसका तोहफ़ा...

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एक बच्ची की कथा. जिसने अपने पापा को अनूठा उपहार दिया. एंडी एक ज्वेलरी कि दुकान पर काम करता था. सुबह ज़ल्दी काम पर निकल जाता और रात में दुकान बंद करने के बाद ही लौटता था. उन दिनों दुकानों पर धन्दे में बहुत मंदी चल रही थी. ग्राहक आते भी तो बिना सामान लिए या फिर उधारी सामान लेकर चले जाते थे. दुकान का मालिक खुद बड़ी मुश्किल से घर चला पा रहा था. ऐसे में वह अपने नौकरों को पूरी तनख्वाह कैसे दे सकता था. एंडी भी काफी परेशान था. उसकी एक छोटी सी बेटी थी. वह स्कूल जाती थी. बेटी की स्कूल कि फ़ीस किताबों का खर्च और खाना पीना ठीक से चलता रहे. बस इसी की फ़िक्र एंडी को लगी रहती थी.  एक दिन एंडी जब घर पहुंचा. तो उसने देखा की उसकी अलमारी का दरवाज़ा खुला हुआ है. जब उसने अलमारी टटोही तो देखा बाकी सब कुछ तो अपनी जगह पर है. पर एक सुनहरा कागज़ जिस पर सोने की पॉलिस थी वह गायब है. एंडी वह कागज़ अपनी दुकान से यह सोंच कर लाया था कि किसी दिन ज़रूरत आने पर उसे बेच कर कुछ पैसे मिल जाएंगे. एंडी ने उस कागज़ के टुकड़े को ढूँढने के लिए पूरा घर छान डाला. लेकिन उसे वह कागज़ नहीं मिला. जब उसकी पत्नी और बेटी घर लौटी तो देखा एंडी बहु